सेना में भर्ती को लेकर केंद्र की योजना अग्निपथ पर देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन जारी है. इस बीच शनिवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह स्कीम को लेकर एक समीक्षा बैठक करने वाले हैं. इस रिव्यू मीटिंग में थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे नहीं होंगे, क्योंकि वो कल वायुसेना की पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेने के लिए हैदराबाद के डूंडीगल जा रहे हैं. रक्षामंत्री की इस रिव्यू मीटिंग में वायुसेना प्रमुख, नौसेना प्रमुख और डीएमए के अधिकारी मौजूद रहेंगे. ये मीटिंग अग्निपथ स्कीम को लेकर देश में हो रहे बवाल को लेकर बुलाई गई है.
सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के तहत तेलंगाना के सिकंदराबाद में पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई. आक्रोशित युवाओं के प्रदर्शन के दौरान कई ट्रेनों में आग लगा दी गई, निजी, सार्वजनिक वाहनों, रेलवे स्टेशन में तोड़फोड़ की गई और राजमार्गों तथा रेलवे लाइन को अवरूद्ध कर दिया गया.
मंत्रियों ने की प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने भर्ती योजना को लेकर पैदा चिंताओं को दूर करने की कोशिश की, लेकिन आक्रोशित युवाओं ने ईंट-पत्थर, लाठियां लिए हुए कई जगह रेलवे परिसर में बवाल मचाया और विभिन्न शहरों, कस्बों में राजमार्गों को अवरूद्ध कर दिया.
इन ट्रेनों पर पड़ा प्रभाव
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि कम से कम 300 ट्रेन का परिचालन प्रभावित हुआ और अब तक 200 से ज्यादा ट्रेन रद्द की जा चुकी हैं. अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारी अब तक सात ट्रेनों के डिब्बों को आग लगा चुके हैं. प्रदर्शनकारियों ने पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) जोन में तीन चलती ट्रेनों के डिब्बों और उसी जोन के कुल्हरिया में एक खाली बोगी को क्षतिग्रस्त कर दिया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बलिया में धुलाई के लिये कतार में खड़ी एक ट्रेन की एक बोगी को भी नुकसान पहुंचाया गया. ईसीआर जोन में अब तक 64 ट्रेन को गंतव्य से पहले ही रोक दिया गया है.
इन राज्यों में हुआ हिंसक प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश से लेकर तेलंगाना और बिहार से लेकर मध्य प्रदेश तक, देश के विभिन्न हिस्सों में आक्रोशित युवाओं की भीड़ ने ईंट-पत्थर फेंके. वहीं, राजनाथ सिंह, अमित शाह और थल सेना प्रमुख ने भर्ती योजना को लेकर पैदा चिंताओं को दूर करने की कोशिश की लेकिन थोड़ी ही सफलता मिली. थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत 2022 के लिए आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष करने का का निर्णय उन युवाओं को अवसर प्रदान करेगा, जो सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन पिछले दो साल से कोविड-19 महामारी के कारण ऐसा नहीं कर पाए.